गुरुजी के सामने है बडी चुनौती
उमापद महतो
रांची ः झ्ाारखंड कल आठवें वर्ष का हो जाय्ोगा. इन आठ वर्षों में राज्य्ा में ’लूट संस्कृति‘ गहरी जडें जमा चुकी है. बदहाली दूर होने के जिस सपने के साथ झ्ाारखंड बना, वह सपना कहीं दूर बादलों के ओट में छुप गय्ाा. आज जो व्य्ाक्ति राज्य्ा के मुखिय्ाा के पद पर बैठा है, उसी शिबू सोरेन ने झ्ाारखंड अलग राज्य्ा के लिए तीस वर्षों तक सतत् संघर्ष किय्ाा. श्री सोरेन को झ्ाारखंडिय्ाों ने ’गुरुजी‘ बना दिय्ाा और आज झ्ाारखंडिय्ाों की निगाहें गुरुजी पर हैं.
आठ वर्षों में राज्य्ा की दशा सुधरने की बात तो दूर, आज तक राज्य्ा को दिशा भी नहीं मिली. सरकारी महकमें में जो जहां बैठा है ’लूट तंत्र्ा‘ का हिस्सेदार बना बैठा है. परिवहन व आबकारी विभाग में ’नोट गिनने की मशीन‘ लग गय्ाी है. मोबाइल दारोगा व शराब माफिय्ाा ’सिंडीकेट‘ सत्ता बदलने की धमकी देने की कूबत रखता है. सत्ता के दलाल ’रात को दिन‘ में बदलने की हिमाकत कर सकते हैं.
मंत्र्ाी, छुट भैय्ो, बिचौलिय्ाा, इंजीनिय्ार, ठेकेदार, अफसर, अर्दली सभी मालामाल हैं. बस बदहाल है, तो केवल आम जनता. जिन बिचौलिय्ो, छुटभैय्ाों की कूबत एक कप चाय्ा पीने की नहीं थी, वही बिचौलिय्ो, छूटभैय्ो आज लक्जरी गाडिय्ाों में फर्राटे भरने लगे हैं और आलीशान फ्लैटों में रहते हैं. चाल, चलन, चरित्र्ा सब कुछ बदल गय्ाा है. राज्य्ा में लोकतंत्र्ा से ’लोक‘ गाय्ाब हो गय्ाा है. संविधान, कानून, नैतिकता अतीत की पोथी बनकर रह गय्ाा है.
सरकारी निवाला खाने से बच्चों की मौत होती है. पुल पूरी तरह बनने के पहले गिर जाते हैं. सडक पूरी तरह बनने के पहले उखड जाती है. सडक पहले बनती है, अलकतरा बाद मंे खरीदा जाता है. लेकिन कहीं किसी को खौफ नहीं. कागजी आंकडों में नरेगा य्ाोजना, गर्भवती जननी सुरक्षा य्ाोजना चल रही है. पैसे में नौकरिय्ाां बिक रही हैं. मेरिटोरिय्ास हताश घर बैठे हैं.
लिहाजा मुख्य्ामंत्र्ाी श्री सोरेन ने वर्षों पुराने अपने वादे के मुताबिक बीपीएल को तीन रुपय्ो चावल मुहैय्ाा कराने का फैसला लिय्ाा है और कल स्थापना दिवस के मौके पर राज्य्ा में बडे पैमाने पर बेरोजगारों को निय्ाोजित करने की घोषणा करने वाले हैं. लेकिन उन सवालों का क्य्ाा होगा, जो राज्य्ा में मौजूं है? य्ाह गुरुजी को बताना भी होगा और उसे रोककर राज्य्ा को नई दिशा देनी होगी. राज्य्ा की दशा सुधारने की बडी चुनौती गुरुजी के सामने है.
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