कोडरमा संसदीय क्षेत्र - मरांडी का जादू बरकरार, पर भाजपा ने पेश की है कडी चुनौती
रांची : कोडरमा संसदीय क्षेत्र में पूर्व मुख्य्मंत्र्ी सह निवर्तमान सांसद बाबूलाल मरांडी का जादू अब भी बरकरार है. परंतु इस बार आश्चयर््जनक ढंग से श्री मरांडी के साथ मुख्य्ा मुकाबले में भाजपा के लक्ष्मण सवर्णकार हैं. लिहाजा लालू प्रसाद य्ाादव ने जिस ’माय्ा‘ समीकरण के भरोसे उसमें कोइरी-कुडमी का तडका मिलाकर उम्मीदवार दिय्ाा था, श्री मरांडी तिलस्म के आगे फीका पड गय्ाा और राजद प्रत्य्ााशी प्रणव वर्मा मुख्य्ा मुकाबले से बाहर दिखाई दे रहे हैं.
इस संसदीय्ा क्षेत्र्ा में वोटरों तक सर्वाधिक पहुंच श्री मरांडी की ही है. प्रत्य्ोक बूथ तक पहुंच भी श्री मरांडी की ही है. कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा के अल्पसंख्य्ाक समुदाय्ा भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के ’माय्ा‘ समीकरण पर भरोसा करने के बजाय्ा श्री मरांडी पर ज्य्ाादा भरोसा कर रहे हैं.
य्ाद्यपि कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा में श्री मरांडी के साथ मुख्य्ा मुकाबले में इस बार भाजपा दिखाई दे रही है. भाजपा ने लक्ष्मण के ’वैश्य्ा समुदाय्ा‘ से होने के कारण अपने समुदाय्ा के लोगों में मतों का ध्रुवीकरण हो चुका है. भाजपा के इसके अलावा परम्परागत वोटर भी हैं. परंतु भाजपा में कई खामिय्ाां है. पिछले साल भर से भाजपा की झ्ाारखंड की प्रभारी श्रीमती करुणा शुक्ला प्रदेश भाजपा को ’एवरी बूथ, टेन य्ाूथ‘ के संबंध में कडे निर्देश जारी करती रही. परंतु करुणा शुक्ला के निर्देशों का कोई असर कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा में नहीं है अर्थात संसदीय्ा क्षेत्र्ा के प्रत्य्ोक बूथ तक भाजपा की पहुंच नहीं बन पाय्ाी है. भाजपा को कायर््ाकर्ताओं की कमी तो खल ही रही है भाजपाई संसाधनों की कमी भी झ्ोल रहे हैं. राजद प्रत्य्ााशी प्रणव वर्मा के समक्ष भी य्ाही परिस्थिति है.
कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा में भाकपा माले के राज कुमार य्ाादव भी चौथा कोण बना रहे हैं. परंतु श्री य्ाादव को कैडर वोट के अलावा अपने कुछ जातीय्ा वोटों का ही आसरा है. वैसे श्री य्ाादव मतों मंे बिखराव तय्ा है. श्री य्ाादव वोट भाजपा और राजद प्रत्य्ााशी के बीच भी बंटेगा. कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा मंे कांग्रेस टिकट पर पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह और झ्ाामुमो के उम्मीदवार के रूप में जामताडा के पूर्व विधाय्ाक विष्णु भैय्ाा भी चुनाव मैदान में हैं. परंतु तिलकधारी और विष्णु भैय्ाा अपने जातीय्ा वोटरों में भी पकड नहीं बना पा रहे हैं. तिलकधारी व विष्णु भैय्ाा भूमिहार जाति से आते हैं. लेकिन श्री मरांडी भूमिहार मतों में सेंधमारी करने की जुगत में हैं. वैसे भूमिहारों का समर्थन श्री मरांडी को नहीं मिलने पर भाजपा प्रत्य्ााशी लक्ष्मण स्वर्णकार उनके समक्ष कडी चुनौती पेश कर सकते हैं. पिछले उपचुनाव में कोडरमा में भाजपा की निराशाजनक स्थिति थी. प्रदेश भाजपाध्य्ाक्ष रघुवर दास ने इस बार भडकर य्ाहां से वैश्व प्रत्य्ााशी दिलवाय्ाा है और श्री दास ने उम्मीदवार को कम से कम मुख्य्ा मुकाबले में लाकर खडा कर दिय्ाा है.
कोडरमा संसदीय्ा क्षेत्र्ा में कोडरमा, बरकट्ठा, धनवार, जमुआ, गांडेय्ा और बगोदर छह विधानसभा क्षेत्र्ा हैं, जिसमें बरकट्ठा, धनबाद और जमुआ में भाजपा का कब्जा है. गांडेय्ा में झ्ाामुमो, बगोदर में भाकपा माले और कोडरमा में राजद का कब्जा है. धनबाद में भाजपा के रवीन्द्र राय्ा विधाय्ाक हैं. उन्होंने आम चुनाव की घोषणा के साथ ही श्री मरांडी का साथ छोडकर भाजपा में वापसी की है. उन्होंने श्री मरांडी के खिलाफ बढ-चढकर दावे भी किय्ो हैं. परंतु धनबाद में ही वस्तुस्थिति में श्री मरांडी भाजपा से भारी पड रहे हैं. कोडरमा व बरकट्ठा संसदीय्ा क्षेत्र्ा में भाजपा के पक्ष में माहौल है. श्री मरांडी बरकट्ठा व बगोदर मंे थोडे कमजोर पड रहे हैं. जमुआ व गांडेय्ा में श्री मरांडी की स्थिति ठीक है. भाजपा व श्री मरांडी के बीच राजद प्रत्य्ााशी कोइरी मतों के ध्रुवीकरण के साथ य्ाादव व मुस्लिम मतों में कतर ब्य्ाौंत की फिराक में है. परंतु श्री मरांडी के तिलस्म के कारण राजद मुस्लिम मतदाताओं के बीच ज्य्ाादा असर नहीं डाल पा रहा है. इनके अलावा माले के राज कुमार की दमदार उपस्थिति होना तय्ा है. कांग्रेस के तिलकधारी एवं झ्ाामुमो के विष्णु भैय्ाा भी उपस्थिति दर्ज कराने के प्रय्ाास में लगे हैं. श्री मरांडी के पक्ष में जो समीकरण जा रहा है, उसमें उनकी मजबूत इच्छा शक्ति, वोटरों में तिलस्म, प्रत्य्ोक बूथ तक उनकी पहुंच और शाम, दाम, दंड, भेद की उनकी नीति कारगर साबित हो रही है.
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